किसी खास के लिए आम रह कर जीना किताना मुश्किल है

बहुत मुश्किल हो जाता है उसके साथ जीना जिसके आप खास हो या कोई आपका खास हो। मुश्किल इसलिए कि आप अपनी तरह से या सामने वाला खुद की तरह से नहीं रहता। एक बनावटीपन आ जाता है दोनों के बीच में। बढ़ते रहने वाले समय के साथ इसको मिला के चलना एक बेहद ही मुश्किल टास्क हो जाता है।

एक सतरंज का खेल बन जाता है यह रोज का जीवन। जिसमें आपको सामने वाले के चाल का इंतजार करना पड़ता है। एक गलती आपको खेल से बाहर कर सकती है। आप दूसरे के चाल का इंतजार करते हैं, फिर अपनी चाल के लिए तैयार होते हैं। आपकी चाल ऐसी होती है कि आप जीतना नहीं चाहते, इसके अलावा आपको यह भी ध्यान रखना पड़ता है कि सामने वाला हारे भी न, आपकी चाल की वजह से।

यह एक निरंतर चलने वाला खेल हो जाता है। जिसमें किसी की हार या जीत नहीं होती, लेकिन हम सब जानते हैं कि खेल में हार और जीत तो तय है। आप इसे बस टाल सकते हैं। आप इसी प्रयास में लगे रहते हैं कि मुझे जीत चाहिए नहीं,लेकिन सामने वाला हारे भी न। यह निरंतरता एक दिन टूट जाती है और आप बहुत बुरी तरह खेल के इस हिस्से में फंस जाते हैं।

यह तो पहली कड़ी है। आम से खास बनने में सबको मजा आता है। जिन्हें आदत हो उन्हें यह समान्य लगता है। जो कभी खास न रहा हो वो अचानक बन जाए तो आप उसकी स्थिति को समझ सकते हैं। जीवन का घटनाचक्र आपके मनोस्थिति को बदल कर एक नए आयाम में ढ़ाल देता है। समान्यतः लोग इसे संभाल नहीं पाते हैं। प्रमुख कारण होता है आपका समाज और आपकी सोच। क्योंकि यह एक ऐसा समय होता है जब आप आम से खास बन रहे होते हैं।

HindiAstro.com jyotish ke upay

इसके दूरगामी परिणाम को भाप पाना, समय के हिसाब से अपने आप को ढ़ाल लेना और खास-आम के विरोधाभासी दूरी को माप लेने में हम सक्षम नहीं होते। इन सबका दोष दिया जाता है उम्र को, समय को(जैसे की समय बदल गया है आज-कल यह आम है या और भी बहुत कुछ) और आपके बेपरवाही को(जब समय आएगा तो देख लेंगे, अभी तो मजे कर लें, फिलहाल तो कोई जिम्मेदारी है नहीं, कुछ साल बाद तो सब करना ही है, जैसे तमाम और भी बातें)।

आपको खेल की पूरी समझ नहीं होती है, इसलिए ज्यादातर संभावनाएं यह रहती हैं कि आपका हारना तय है। खिलाड़ी होने के लिए खेल की पूरी समझ होना आपके लिए बहुत जरूरी है। जब इस तरह से आप खेल से परेशान हो जाते हैं तो मैदान छोड़ना आपके लिए आखिरी ऑप्शन होता है। जब इस पर आप सोचते हैं, तो करने की कोशिश करते हैं। यहाँ और भी मुश्किले आया जाती है जैसे कि खेल के मैदान के पूराने खिलाड़ी आपको निकलने नहीं देते हैं या ऐसी घेराबंदी कर देते हैं जिससे आपका निकलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है।

Leave a Comment