मनचाहे धन को पाने के लिए करें शुक्रवार को ये अचूक उपाय

शुक्रवार मां लक्ष्मी का बहुत खास दिन है। धन वैभव की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना बड़ा ही आसान है। तंत्र शास्त्र के मुताबिक कुछ साधारण, और सटीक उपाय करने से मां लक्ष्मी अपने भक्त पर जल्द ही प्रसन्न हो जाती हैं। इन उपायों को शुक्रवार को करने से और भी जल्दी फल प्राप्त होता है।

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना बहुत ही ज्यादा आसान…

शुक्रवार को दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर विष्णु भगवान का अभिषेक करें। ऐसे में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।

शुक्रवार के दिन पीले कपड़े में पांच लक्ष्मी (पीली) कौड़ी और थोड़ी-सी केसर को चांदी के सिक्कों के साथ बांधकर अपने धन स्थान पर रखें। कुछ ही दिनों में आपको इसका प्रभाव दिखाई देने लगेगा।

शुक्रवार को श्रीयंत्र का गाय के दूध से अभिषेक करें और अभिषेक का जल पूरे घर में छिंटक दें व श्रीयंत्र को लक्ष्मी के पुष्प कमलगट्टे के साथ धन स्थान पर रख दें। इससे धन लाभजल्द होने लगेगा।

आपकी कुंडली में शुक्र कमजोर हो तो ये करें…

यदि आपकी जन्म कुंडली में शुक्र अपनी दशा में आपको अशुभ फल दे रहा है। शुक्र के प्रभाव से बीमारियों का सामना करना पडता है, जिससे आपको जीवन में सुख नाम की कोई चीज न रह जाती। इसके लिए आप नए-नए उपाय करते हैं जिससे आपका ग्रह सही हो जाए।

इसके लिए लक्ष्मी मां को खुश करने के लिए करें यह उपाय

शुक्रवार को शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी वाला दीपक लगाएं। बत्ती में आप रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें, साथ ही दीए में थोड़ी केसर भी डाल दें।

इस दिन दान देने का भी बड़ा महत्व है इसलिए इस दिन जितना भी हो सके गरीबों को दान करें। सफेद रंग की वस्तु या खाद्य

पदार्थ का ही दान करें, तो और शुभ रहेगा।

शुक्रवार को गौ माता की सेवा करें श्यामा गाय मिल जाए तो और भी अच्छा है। ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी। इन उपायों में से किसी एक को भी करने से आपके अशुभ फलों में कमी आएगी शुभ फलों में वृद्धि होने लगेगी।
शुक्र ग्रह को बलवान बनांने के आसान उपाय…

किसी भी मंदिर में जाकर गाय के शुद्ध घी को दान में दें। शुक्रवार विशेष : धन वैभव के लिए मां लक्ष्मी के 18 पुत्रों का नाम लें । माँ भगवती लक्ष्मी के 18 पुत्र माने जाते हैं। शुक्रवार के दिन इनके नाम लेने के आरंभ में ओम और अंत में नम: लगाकर जप करने से मनचाहे धन की प्राप्ति होती है। जैसे –

1. ओम देवसखाय नम:
2. ओम चिक्लीताय नम:
3. ओम आनंदाय नम:
4. ओम कर्दमाय नम:
5. ओम श्रीप्रदाय नम:
6. ओम जातवेदाय नम:
7. ओम अनुरागाय नम:
8. ओम संवादाय नम:
9. ओम विजयाय नम:
10. ओम वल्लभाय नम:
11. ओम मदाय नम:
12. ओम हर्षाय नम:
13. ओम बलाय नम:
14. ओम तेजसे नम:
15. ओम दमकाय नम:
16. ओम सलिलाय नम:
17. ओम गुग्गुलाय नम:
18. ओम कुरूंटकाय नम:

Vaibhav lakshmi vrat katha

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